Presenting some of the stories that have been closest to my heart, most of them from my childhood. Each of these may or may not be from a Vedantic text - if not - it's still here because it's close to the idea of Vedanta, and because it's inspirational for Vedantins.
Also, these are my own renderings of the stories. So I need to disclaim any authenticity - the stories presented here can be quite different from their original versions whatever may those be.
सत्य और परोपकार का रास्ता ही वेदान्त का रास्ता है, और इस रास्ते पर चलने वाला हर व्यक्ति वेदान्ती है, फिर चाहे वो इस कहानी के नायक भगत जैसा निपट गँवार ही क्यों न हो!
"क्या इस तूफानी रात में आपकी झोपड़ी में एक अनजान मेहमान के लिए जगह है?" "घर की बात क्या करनी, दिल में है, फिर घर में तो बन ही जाएगी!"
The story of a kid whose courage and morals were invincible.
एक बालक की प्रेरणात्मक कहानी जिसका सत्य के प्रति प्रेम अनुपम व साहस अजेय थे।
Shackles, be those of iron or gold, serve just one purpose - tying you up, stopping you. And stopped, you are done!
ज़ंजीर चाहे लोहे की हो सोने की, दोनों का काम एक ही है - बांध लेना, रोक लेना। और जो रुक गए तो गए काम से!
When there is competition between a yogi's charm and his determination, which will win?
The story of an unexpected helper to come in the life of great mathematician Bhaskaracharya.
भास्कराचार्य के गणित-प्रधान जीवन में अनपेक्षित ढंग से सहायिका बन के आने वाली उनकी धर्मपत्नी की कहानी
The thirst for truth and the efforts of the subconscious are both not visible to others. But their pain is severe and effect substantial. And when the time comes... these become unstoppable.
सत्य की प्यास और अन्तर्मन के प्रयास - ये दोनों ही दुनिया को अक्सर दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन इनकी पीड़ा गहरी होती है और चोट घातक। और जब समय आता है... फिर रुकने वाले रुकते हैं कहाँ!
जब प्रतिस्पर्धा योगी के रूप और उसके निश्चय के बीच हो, तो विजयी कौन होगा?