मत पूछो हम कहाँ कहाँ और कौन सी बाज़ी हारे हैं... पर जीत के लाये हम देखो दुनिया के आँसू सारे हैं! A power-packed outburst.
जो फिज़ूल ही बरसों-बरस नाचा किया, वो मोर नहीं नो-मोर था! बदहाली और बदगुमानी का दौर निकल जाने के बाद दिल से निकले कुछ ख़याल, मुलाएज़ा फरमाइये.
बाँध हमने भी अपना सामान है लिया... बस ये समझ लो की अब गए तब गए! आइए ग़म को छूकर महसूस करें।
कितने जन्मों का स़वाब अब रंग लाया है, यकीन नहीं होता कि आपने हमें अपनाया है! अत्यधिक मिठास से भरी इस कविता से आप भी मुँह मीठा कीजिये!
This is pure love in the form of words! Pure, unconditional, selfless, all-giving love.
The thirst for truth and the efforts of the subconscious are both not visible to others. But their pain is severe and effect substantial. And when the time comes... these become unstoppable.
"वो लगन लगी, वो अगन जगी फिर मज़ा आ गया जीने में"
आज से फिर नए सफ़र में आरज़ू की रेल चली... ऊर्जा से ओत-प्रोत, उत्साह से सराबोर एक कविता प्रस्तुत है! ...देख कर मुझको ऐ साक़ी जाम क्यों शरमा गया आह इस पे भी मेरा नशा मेरा नशा है छा गया!
आइये कल्पना के पंखों पर सवार हो कर मंगल की सैर कर लें। एक विज्ञान-कथा। मंगल ग्रह पर समृद्धि अपनी चरमावस्था पर थी... वैज्ञानिक अपने प्रयोगों में मग्न था...